Sunday, 21 September 2014

हमारा शरीर बचपन में वैसे तो सही होता है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। अगर आप हेल्दी हैं तो आप दौड़ सकते हैं, कूद सकते हैं और एक्सरसाइज़ भी कर सकते है। लेकिन आज के समय में बहुत सारे लोग कमर दर्द से इस कदर परेशान रहते हैं, जिसके चलते वो मॉर्डन लाइफ का मजा नहीं ले पाते। दरअसल, लगातार कम्प्यूटर पर काम करना, टीवी के सामने बैठे रहना या फिर झुककर पढ़ने से कमर दर्द होने लगता है।
 
आज हम आपको कमर दर्द से निजात पाने के लिेए कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिनका आप काम करते वक्त खास ध्यान रखें।
 
1-पोश्चर सही रखें
 
कमर दर्द होने पर सबसे ज़रूरी है कि आपके बैठने का तरीका सही होना चाहिेए। आपके बैठने-उठने के गलत तरीके से कमर पर बुरा असर पड़ता है। जब भी आप बैठते, खड़े होते या सोते हैं, तो अपने पोश्चर का ध्यान रखें। पोश्चर हमारे हेल्थ पर असर डालता है। कई बार सोते वक्त पोश्चर सही न होने की वजह से कमर दर्द या बॉडी के किसी हिस्से में दर्द होने लगता है। इसलिए सबसे पहले पोश्चर को सही करें। इसके साथ ही, रिस्पेरेटरी सिस्टम और डाइजेस्टिव सिस्टम को सही रखना भी ज़रूरी है।

2-सेंस (समझ) को बैलेंस करें
 
जितना कहना आसान है, उतना ही करना मुश्किल है। अपने सेंस को डेवलप करने में किसी को भी काफी टाइम लगता है। डेली लाइफ में ज़रूरी एक्सरसाइज़ को शामिल करें। इससे आपके दिमाग और बॉडी के बीच एक कनेक्शन बना रहेगा। इस कनेक्शन का बना रहना इसलिए जरूरी है, क्योंकि जब भी आपके दिमाग को मांसपेशियों के उपयोग की ज़रूरत हो, तो आपकी बॉडी तुरंत सिग्नल दे सके। सेंस को बैलेंस करने के लिए आपको रोज़ कुछ एक्टिविटीज की प्रैक्टिस करनी चाहिए, जैसे योगा और पाइलेट्स। 

Treatment for back pain


3-बैठने का तरीका सही हो
 
जब आप बैठते हैं तो आपका तरीका सही होना चाहिए। कई बार बैठने के गलत तरीके से भी कमर का दर्द होने लगता है। जब आप लंबे समय तक बैठते हैं, आपकी कोर (पेट और कमर के बीच की मांसपेशियां) इसके लिए सपोर्ट करती है। ये मांसपेशियां अधिक बार यूज़ करने पर इग्ज़ॉस्टिड हो जाती हैं और आपकी बॉडी थकने लगती है। इसलिए बैठते समय बॉडी का खास ध्यान रखें। आपके पैर और घुटने में 90 डिग्री एंगल हो और आपकी बैक कुर्सी के पीछे तक हो। इसके साथ यह भी ज़रूरी है कि आपकी डेस्क और चेयर के बीच दूरी होनी चाहिए। झुककर कभी काम न करें। ऐसा ज्यादा समय तक करने पर कमर में दर्द की शिकायत होगी ही।

4-रोज़ एक्सरसाइज़ करें
 
जो लोग रोज़ एक्सरसाइज़ करते हैं, उन्हें कमर दर्द या गर्दन के दर्द की कम शिकायत होती है। जितना आप पैदल चलेंगे, उतना ही फिट और हेल्दी रहेंगे। इस फंडे को अपनाने से आपकी बॉडी फिट रहेगी। आप अपनी फिटनेस के हिसाब से स्पोर्ट्स या कोई भी एक्टिविटी करना शुरू कर दें। आप योगा, जॉगिंग, वॉक, वॉलीवॉल और मसल्स को डेवलप करने वाले दूसरी एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। रोज़ एक्सरसाइज़ करने के लिए नियम बना लें। इसे अपनी रूटीन में शामिल करें। एक्सरसाइज़ करने से बॉडी को काफी फायदा होता है। रोज़ की एक्सरसाइज़ के लिए शुरुआत में ट्रेनर रख सकते हैं।

5-कपड़ों और एसेसरीज पर ध्यान दें
 
इसमें कोई शक नहीं कि महिलाएं सुंदर दिखने के लिए कुछ भी पहन सकती हैं। अगर आपको खुद को अच्छे से कैरी कर रही हैं और आपको लगता है कि इस तरह के कपड़े और एसेसरीज आपकी बॉडी के लिए फिट हैं तो आप कैरी करें। लेकिन अगर नहीं, तो आपके कपड़े और एसेसरीज आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं। शायद ही आपको कोई ऐसी महिला दिखेगी जो हाई हील न पहनती हो। चाहे हमारी स्पाइन पर एक्स्ट्रा लोड पड़ रहा हो, लेकिन पहननी हील ही है। हील के अलावा हैंडबैंग भी है। ये हमेशा एक हाथ या कंधे पर लटका रहता है। हील और हैंडबैग के बिना आज के टाइम में महिलाओं का बाहर निकलना थोड़ा मुश्किल है। हमें चाहे कितनी भी परेशानी हो, लेकिन हम बैग या हील के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते। दरअसल, यही असली रीज़न होता है कमर दर्द या गर्दन में दर्द होने का। हैंडबैग, हील और एसेसरीज, इनसे ही आपके पोश्चर का तरीका बदल जाता है और आपकी नसों, लिगामेंट्स और जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है। अगर आप नया बैग खरीदने की सोच रही हैं, तो कोशिश करें कि मीडियम साइज़ का लें। इसके अलावा, अगर आप कोई एसेसरीज पहन रही हैं तो ध्यान रहे है कि इससे आपको कोई परेशानी न हो।

6-स्ट्रेचिंग रोज़ करें
 
बॉडी को लचीला बनाने के लिए एक्सरसाइज़ करना ज़रूरी है। इस तरह से खुद को फिट रखने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए ये ज़रूरी है। जिन लोगों को गर्दन और कमर का दर्द होता है, उन्हें स्ट्रेचिंग करने से काफी फायदा होता है। दिन में थोड़ी-सी स्ट्रेचिंग करने से बॉडी और मसल्स रिलेक्स रहती है। इसके लिए आप सीधे खड़े या बैठकर स्ट्रेच करें और एक बार में एक ही मसल्स को स्ट्रेच करें। स्ट्रेचिंग करते वक्स थोड़ी सावधानी बरतें।

7-खुद को स्ट्रेस से दूर रखें
 
शरीर में होने वाली दिक्कतें दरअसल स्ट्रेस से ज़्यादा बढती हैं। स्ट्रेस बढ़ने से आपका इमोशनल लेवल बढ़ता है। हम अपने इमोशन और फीलिंग को कंट्रोल नहीं कर सकते है, जिससे उदासी, गुस्सा आना और नर्वस होना जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। जब आपको ज़्यादा स्ट्रेस होता है तो आपके दिमाग और बॉडी में हलचल-सी मच जाती है, क्योंकि आपकी मांसपेशियां तनाव से भर जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जब कभी भी आपको इस तरह की दिक्क्त हो, आप एक गहरी सांस लें और खुद को रिलेक्स करने की कोशिश करें।
 
अगर आपका काम ज़्यादा देर तक बैठे रहने का है तो कमर दर्द और गर्दन के दर्द के लिए तैयार हो जाइए। हमने आपको कुछ टिप्स दी है, शायद आपको इनसे कुछ फायदा हो। ऑफिस में लगातार बैठे रह कर काम करने से आपको इस तरह की दिक्कत हो सकती है, इसलिए खुद का ध्यान रखें और फिट रहें।

Friday, 19 September 2014

Let’s admit it, the new basic needs are: Roti, Kapda, Makaan, WiFi and Selfie. While you can still survive without kapda & makaan; WiFi (or 3G) and Selfie is an absolute must. It doesn’t matter if you’re at home, office, restaurant, bathroom, prison or a cave, ek selfie to banti hai yaar!
 



Culture Machine and Being Indian came up with this amusing video for Sony Xperia C3. Afterall, what’s the point of having a tasty meal, a new pair of shoes, a sexy haircut, new clothes, when you can’t take a selfie and rub it on your friend’s Facebook feed


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Thursday, 18 September 2014

अक्सर सोमवार को ऑफिस में दिन भर नींद महसूस होती है। इसका कारण है रविवार को सुबह देर तक सोना, जिससे रात को नींद नहीं आती और 8 घंटे से कम सोने की वजह से थकान महसूस होती है। आजकल लोगों की लाइफस्टाइल इतनी ज्यादा बदल चुकी है कि शरीर का जल्दी थक जाना एक आम समस्या बन चुकी है। इसके कई कारण हैं, जैसे गलत खान-पान, सोने की गलत टाइमिंग वगैरह-वहैरह। आज हम आपको ऐसे 10 कारण बता रहे हैं जिससे आपको पता चलेगा कि इतनी थकान आखिर क्यों महसूस होती है।



1- एक्सरसाइडज़ न करना
अपनी एनर्जी बचाने के लिए वर्कआउट न करना वाकई इसके विरुद्ध काम करता है। एक स्टडी के अनुसार, 20 मिनट तक रोज एक्सरसाइज़ करने वाले लोग कम थकान और खुद को ऊर्जा से भरपूर महसूस करते हैं। रेग्युलर एक्सरसाइज करने से शरीर मजबूत होता है और सहन शक्ति बढ़ती है। साथ ही आपका हृदय सही ढंग से काम करता है। इससे टिश्यू में ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषक तत्व डिलिवर होते हैं। इसलिए अगली बार से थक कर काउच में बैठने के बजाय तेजी गति से चहलकदमी ही करें। इससे आपको ऊर्जा प्राप्त होगी।

2-आवश्यकतानुसार पानी न पीना
शरीर में 2 प्रतिशत भी पानी की कमी से भी एनर्जी लेवल कम हो जाता है। डिहाइड्रेशन से शरीर में खून का घनत्व कम हो जाता है और रक्त गाढ़ा हो जाता है। इससे आपके दिल की धड़कन कम हो जाती है। साथ ही, मांसपेशियों और दूसरे अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के पहुंचने की गति भी कम हो जाती है। आपको कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए, यह जानने के लिए अपने वजन को पाउंड में नापें। अब इसे आधा करें और इतना ही औंस पानी रोज पिएं।

3-आयरन की मात्रा में कमी होना
आयरन की कमी से शरीर सुस्त, और कमज़ोर हो जाता है, साथ ही किसी चीज़ में मन नहीं लगता है। इससे आपको थकान महसूस होती है, क्योंकि मांसपेशियों और कोशिकाओं में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए अपनी डाइट में आयरन की मात्रा बढ़ाएं और एनीमिया होने से खुद को बचाएं। इसके लिए लीन बीफ, राजमा, टोफु, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राय फ्रूट्स, पीनट बटर और विटामिन से युक्त फलों को अपनी डाइट में शामिल करें।

4-ब्रेकफास्ट न करना
भोजन शरीर में ईंधन की तरह काम करता है। आप जो भी रात में खाते हैं, आपकी बॉडी आपके सोने पर उसे ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करती रहती है। इसलिए सुबह उठने पर आपको नाश्ते के साथ दोबारा ईंधन देना होता है। ब्रेकफास्ट स्किप करने से दिनभर सुस्ती महसूस होती है। नाश्ते में आपको साबुत अनाज, प्रोटीन और हेल्दी फैट लेना चाहिए। इसके लिए सबसे बेहतर है ओटमील को प्रोटीन पाउडर और पीनट बटर के साथ बना कर खाना। या फिर फ्रूट, प्रोटीन पाउडर, लो-फैट मिल्क और बादाम बटर को मिलाकर फ्रूट मिल्क बना कर पीना।

5-जंकफूड का अधिक सेवन
जंकफूड ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर हाई रैंक पर होते हैं, जिससे यह पता चलता है कि कैसे कार्बोहाइड्रेट्स ब्लड शुगर को बढ़ाता है। ब्लड में शुगर लेवल घटने-बढ़ने से शरीर में कमजोरी महसूस होती है। अपने ब्लड शुगर को स्थिर रखने के लिए प्रोटीन के साथ साबुत अनाज अपने प्रत्येक भोजन में शामिल करें। बेक्ड चिकन और ब्राउन राइस, सालमन फिश और स्वीट पोटैटो या चिकन और फ्रूट्स के साथ सलाद खाएं।

6-रात में सोने से पहले ड्रिंक करना
अक्सर नाइट पार्टी में लोग ड्रिंक लेना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को एल्कोहल के सेवन के बाद संतुष्टि मिलती है, लेकिन यह भी सच है कि एल्कोहल प्रारंभिक अवस्था में सेंट्रल नर्वस सिस्टम को धीमा कर देता है। यह शरीर के एड्रेनालाइन सिस्टम में उथल-पुथल पैदा कर देता है। इसी वजह से अक्सर ड्रिंक करने वाले लोगों की अचानक आधी रात में नींद खुल जाती है। डॉक्टर कहते हैं कि सोने से करीब 3 से 4 घंटे पहले ही एल्कोहल का सेवन करना चाहिए।

7-सोते समय ई-मेल और मैसेज चेक करना
स्मार्टफोन, टैबलेट और कम्प्यूटर स्क्रीन की तेज रोशनी से मेलाटॉनिन हॉर्मोन्स की गति रुक जाती है, जिससे शरीर की प्राकृतिक सिरकैडियन रिदम बिगड़ जाती है। मेलाटॉनिन हार्मोन्स शरीर में सोने और जागने की क्रिया को नियमित बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए सोने से करीब एक से दो घंटे पहले सारी टेक्नोलॉजी और गैजेट्स को खुद से दूर कर देना चाहिए। साथ ही, अपने चेहरे से करीब 14 इंच की दूरी पर फोन या गैजेट्स को रखना चाहिए, जिससे आपकी नींद न डिस्टर्ब हो।

8-कॉफी की ज्यादा मात्रा लेना 
सुबह उठकर कॉफी पीने में कोई बुराई नहीं है। रिसर्च के अनुसार, रोज तीन कप कॉफी पीना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन कैफीन की ज्यादा मात्रा लेने आपके सोने-उठने की प्रॉसेस बिगड़ जाती है। डॉक्टर के अनुसार, सोने से करीब 6 घंटे पहले भी कॉफी पीना आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि दोपहर बाद कॉफी का सेवन बिल्कुल न करें।

9-वीकएंड पर देर से सो कर उठना
शनिवार देर रात तक पार्टी और फिर रविवार को देर तक सोने से आपका रूटीन डिस्टर्ब होता है। इससे आपको रविवार रात को सोने में तकलीफ होती है और आपको नींद नहीं आती। इससे सोमवार को जब आप ऑफिस में होते हैं तो आपको नींद महसूस होती है। इसलिए छुट्टियों वाले दिन भी अपने नॉर्मल दिनों की तरह उठने की आदत डालिए, चाहे तो फिर दोबारा दोपहर में आराम कर लें। 20 मिनट तक आराम करने से आपकी बॉडी दोबारा से चार्ज हो जाएगी।

10-हर छोटी-छोटी बात पर स्ट्रेस लेना
अगर आपका बॉस आपको कॉल करे तो आप सोचते लगते हैं कि उन्हें आपसे कोई शिकायत है, या फिर आप बाइक चलाने में डर रहे हैं, क्योंकि आपको लगता है कि एक्सिडेंट हो जाएगा। हर समय कुछ खराब होने के बारे में सोचना, ज़रा-ज़रा सी बातों पर टेंशन लेने से आप शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं और मानसिक रूप से थकान महसूस करते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो किसी भी स्थिति में घबराने के बजाय शांति से उनका हल ढूंढे। मेडिटेशन करें, एक्सरसाइज करें और धैर्य रखें।

Lack of sleep isn't the only thing sapping your energy. Little things you do (and don't do) can exhaust you both mentally and physically, which can make getting through your day a chore. Here, experts reveal common bad habits that can make you feel tired, plus simple lifestyle tweaks that will put the pep back in your step.

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 Are you a workaholic? Your habits may raise your risk of heart disease, a new study has warned. 

Working for more than 40 hours a week may increase one's risk of developing coronary heart disease, or narrowing of the blood vessels that supply blood and oxygen to the heart, it says. 

"The longer hours employees worked, the higher their chances of developing coronary heart disease within 10 years, with those working 61 to 70 hours having a 42% increased likelihood of developing the disease, those working 71 to 80 hours having a 63% increased likelihood, and those working more than 80 hours having a 94% increased likelihood," said Dr Yun-Chul Hong, senior author of the study, from the Department of Preventive Medicine, College of Medicine, Seoul National University. 

Researchers evaluated the association between long working hours and risk of coronary heart disease (CHD) estimated by Framingham risk score (FRS) on 8,350 Korean adults. 

The subjects were asked about working hours and health status. Participants also completed physical examinations and biochemical measurements necessary for estimation of FRS. 

Multiple logistic regression was conducted to investigate the association between working hours and the 10-year risk for CHD estimated by FRS. Compared to those who work 31-40 hours, significantly higher 10-year risk was estimated among subjects working longer hours. 

As working hours increased, the odds ratio (OR) for the upper 10% of estimated 10-year risk for CHD increased up to 1.94. 

The study was published in the American Journal of Industrial Medicine.