माना तेरे प्यार में
बेकारारी मिली मुझे
पर इस बेकारारी में
भी करार सा है
माना तेरे प्यार में
तन्हाइयां मिली मुझे
पर तन्हाईयों में भी
तन्हां नहीं हू में
माना के तू है नज़रों
से दूर दूर मेरे
पर दिल के है
बहोत करीब मेरे
माना तेरे मेरे शहरो
में दूरियां है बहोत
पर दिलो में दूरियां नहीं
नजदीकियां है बहोत
दिल की हर धडकन
में चाहत तुम्हारी है
हमेशा करती रहू
तुमसे प्यार यूँ ही
यही मेरी रब से
दुआ है आखिरी
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